आशा व विश्वास भरे वो पल अरमानों और आकांक्षाओं से भरे वो पल। आशा व विश्वास भरे वो पल अरमानों और आकांक्षाओं से भरे वो पल।
नज़रों के हेर फेर ने, मुस्कुराहट बिखेर दी, नज़रों के हेर फेर ने, मुस्कुराहट बिखेर दी,
बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को। बूंदों जैसे कुछ क्षण लेकर चली थीं सागर भर लाने को।
रोज खुद को सताते हुए, जतन से लक्ष्मण रेखा बनाती रोज खुद को सताते हुए, जतन से लक्ष्मण रेखा बनाती
जीवन के दौर में ऐसा पल आया। जिसमें इंसान अपने अपनो से ही मिल ना पाया। जीवन के दौर में ऐसा पल आया। जिसमें इंसान अपने अपनो से ही मिल ना पाया।
लोग अपनों को भी कुर्बान करते हैं !! लोग अपनों को भी कुर्बान करते हैं !!